मन के संकल्प-विकल्प की विलक्षण "गुफ़ाएं"
Roop Kumar
मन के संकल्प-विकल्प की विलक्षण "गुफ़ाएं"
11:41
देहाभिमान 'समुद्र',कर्ममय प्रवृत्ति 'लंकादुर्ग',हमारामन 'मयदानव',हमारे मन के संकल्प ही 'मायावी' हैं।
Roop Kumar
देहाभिमान 'समुद्र',कर्ममय प्रवृत्ति 'लंकादुर्ग',हमारामन 'मयदानव',हमारे मन के संकल्प ही 'मायावी' हैं।
16:48
🌹श्रीलक्ष्मणजीकी वाणी का रहस्य और🌹भगवानपरशुराम🙏का मद,मोह,क्रोध,और भ्रम का नष्ट होना।
Roop Kumar
🌹श्रीलक्ष्मणजीकी वाणी का रहस्य और🌹भगवानपरशुराम🙏का मद,मोह,क्रोध,और भ्रम का नष्ट होना।
14:25
ससीम में भेद हो सकता है पर,असीम में सब बराबर हैं।
Roop Kumar
ससीम में भेद हो सकता है पर,असीम में सब बराबर हैं।
3:55
🌹ईश्वर🙏और 'जीव' की "दृष्टि" में अन्तर है।
Roop Kumar
🌹ईश्वर🙏और 'जीव' की "दृष्टि" में अन्तर है।
6:37
दुःख ममता की मात्रा पर होता है,वस्तु की मात्रा पर नहीं होता।समस्या ममत्व की है।
Roop Kumar
दुःख ममता की मात्रा पर होता है,वस्तु की मात्रा पर नहीं होता।समस्या ममत्व की है।
14:41
दूसरे का अधिक सुख ही,हमारा अधिक दुःख बन जाता है।
Roop Kumar
दूसरे का अधिक सुख ही,हमारा अधिक दुःख बन जाता है।
12:55
विपत्तिमें भी "धैर्य धारण" कैसे करें,यह🌹भगवानश्रीराम🙏ने चरितार्थ करके हमें दिखाया।
Roop Kumar
विपत्तिमें भी "धैर्य धारण" कैसे करें,यह🌹भगवानश्रीराम🙏ने चरितार्थ करके हमें दिखाया।
8:51
हमारे मन में जो होता है,उसके आगे, हम वह नहीं सुन पाते जो,--वास्तविक होता है।
Roop Kumar
हमारे मन में जो होता है,उसके आगे, हम वह नहीं सुन पाते जो,--वास्तविक होता है।
22:09
ये "कर्म" का "कैसा" सिद्धान्त है?
Roop Kumar
ये "कर्म" का "कैसा" सिद्धान्त है?
7:25
धर्मपरायण व्यक्ति के जीवन में भी विपत्ति आती है कि नहीं?
Roop Kumar
धर्मपरायण व्यक्ति के जीवन में भी विपत्ति आती है कि नहीं?
14:14
क्या धर्म का पालन करनेवाले व्यक्तियों के जीवन में कभी प्रतिकूलता,विपत्ति नहीं आवेगी?
Roop Kumar
क्या धर्म का पालन करनेवाले व्यक्तियों के जीवन में कभी प्रतिकूलता,विपत्ति नहीं आवेगी?
5:39
धर्म के पीछे हमारी केवल मात्सर्य और लालसा की वृत्ति होगी तो हमारा पुण्य नष्ट हो जाएगा।
Roop Kumar
धर्म के पीछे हमारी केवल मात्सर्य और लालसा की वृत्ति होगी तो हमारा पुण्य नष्ट हो जाएगा।
6:58
दिखाई देने वाली क्रिया के पीछे हमारी वृत्ति,क्रिया,उद्देश्य क्या है,इसका बड़ा महत्व है।
Roop Kumar
दिखाई देने वाली क्रिया के पीछे हमारी वृत्ति,क्रिया,उद्देश्य क्या है,इसका बड़ा महत्व है।
13:24
समाज में बिरले ही व्यक्ति धर्मात्मा होते हैं और बिरले ही व्यक्तियों की भक्ति मात्सर्यरहित होती है
Roop Kumar
समाज में बिरले ही व्यक्ति धर्मात्मा होते हैं और बिरले ही व्यक्तियों की भक्ति मात्सर्यरहित होती है
16:18
सात्विक बुद्धि भी विचलित हो जाती है,तब सत्संग के द्वारा ही उसमें समर्पण और श्रृद्धा का उदय होता है।
Roop Kumar
सात्विक बुद्धि भी विचलित हो जाती है,तब सत्संग के द्वारा ही उसमें समर्पण और श्रृद्धा का उदय होता है।
24:53
"धर्म और धर्म का अभिमान"(कर्ण)
Roop Kumar
"धर्म और धर्म का अभिमान"(कर्ण)
17:21
🌹भवानी शंकरौ वन्दे,🙏श्रृद्धा विश्वास रूपिणौ🌹🙏
Roop Kumar
🌹भवानी शंकरौ वन्दे,🙏श्रृद्धा विश्वास रूपिणौ🌹🙏
12:42
🌹भगवानशंकर🙏की "कठोरता में भी कृपालुता"🌹🙏
Roop Kumar
🌹भगवानशंकर🙏की "कठोरता में भी कृपालुता"🌹🙏
10:35
हमारे "मन का दण्डकारण्य" शापित क्यों है?
Roop Kumar
हमारे "मन का दण्डकारण्य" शापित क्यों है?
8:48
वैराग्य(🌹लक्ष्मणजी🙏) की बनायी कुटिया में 🌹राग की लीला।🙏
Roop Kumar
वैराग्य(🌹लक्ष्मणजी🙏) की बनायी कुटिया में 🌹राग की लीला।🙏
6:36
यदि "बुद्धि की भूमि" में 🌹रामराज्य🌹नही बन सकता तब "रामराज्य" कैसे और कहाँ बन सकता है?
Roop Kumar
यदि "बुद्धि की भूमि" में 🌹रामराज्य🌹नही बन सकता तब "रामराज्य" कैसे और कहाँ बन सकता है?
6:18
🌹कथा🙏के "श्रोता और वक्ता" दोनों ही दुर्लभ हैं।
Roop Kumar
🌹कथा🙏के "श्रोता और वक्ता" दोनों ही दुर्लभ हैं।
17:48
🌹ब्रम्हा🙏की सृष्टि रचना "द्वन्द्वात्मक" है।
Roop Kumar
🌹ब्रम्हा🙏की सृष्टि रचना "द्वन्द्वात्मक" है।
7:05
"धीरता के तत्व" को जीवनमें पा लेना,"सफलता का और जीवन के विवेकमय क्षणों का" सबसे बड़ा "सदुपयोग" है।
Roop Kumar
"धीरता के तत्व" को जीवनमें पा लेना,"सफलता का और जीवन के विवेकमय क्षणों का" सबसे बड़ा "सदुपयोग" है।
14:47
🌹गुरू बृहस्पति और दैत्यगुरू🌹शुक्राचार्य🙏में "उपदेश"और "दृष्टि" का क्या अन्तर है?
Roop Kumar
🌹गुरू बृहस्पति और दैत्यगुरू🌹शुक्राचार्य🙏में "उपदेश"और "दृष्टि" का क्या अन्तर है?
18:44
"सुख और दुख","सम्पत्ति और विपत्ति"-अर्थात, "प्रत्येक परिस्थिति में" हम "धैर्य" कैसे धारण करें?
Roop Kumar
"सुख और दुख","सम्पत्ति और विपत्ति"-अर्थात, "प्रत्येक परिस्थिति में" हम "धैर्य" कैसे धारण करें?
12:12
"समत्व"💐ही जीवन का सर्वश्रेष्ठ तत्व है।
Roop Kumar
"समत्व"💐ही जीवन का सर्वश्रेष्ठ तत्व है।
10:12
🌹🙏करूणानिधान🌷🙏 शब्द का "अन्तरंग तात्पर्य" क्या है?
Roop Kumar
🌹🙏करूणानिधान🌷🙏 शब्द का "अन्तरंग तात्पर्य" क्या है?
33:50
अन्त:द्वन्दसेमुक्ति,कामकाजऔर ईश्वर- दोनोंकानिर्वाह,मूर्तिपूजाका रहस्य,ये🌹श्रीसीताजी हमें सिखाती हैं।
Roop Kumar
अन्त:द्वन्दसेमुक्ति,कामकाजऔर ईश्वर- दोनोंकानिर्वाह,मूर्तिपूजाका रहस्य,ये🌹श्रीसीताजी हमें सिखाती हैं।
12:52
भक्तों को🌹भगवान को पाने🙏की पद्धति का संकेत।
Roop Kumar
भक्तों को🌹भगवान को पाने🙏की पद्धति का संकेत।
8:40
🌷श्रीसीताजी🙏और🌹भगवानश्रीराम🙏का "चरित्र और लीला" पढ़ने से हमारा चरित्र "स्वच्छ" हो सकता है।💐
Roop Kumar
🌷श्रीसीताजी🙏और🌹भगवानश्रीराम🙏का "चरित्र और लीला" पढ़ने से हमारा चरित्र "स्वच्छ" हो सकता है।💐
12:40
🌹ईश्वर को पाने के बाद उसको भीतर बन्द कर लीजिए।🙏कपाट सर्वत्र रक्षा करता है।
Roop Kumar
🌹ईश्वर को पाने के बाद उसको भीतर बन्द कर लीजिए।🙏कपाट सर्वत्र रक्षा करता है।
13:06
🌹ईश्वर के अन्वेषण की,🌷ईश्वर को देखने की कौन सी दृष्टि चाहिए?🙏
Roop Kumar
🌹ईश्वर के अन्वेषण की,🌷ईश्वर को देखने की कौन सी दृष्टि चाहिए?🙏
7:39
🌹गोस्वामीजी🙏ने अगर "श्रृँगाररस का वर्णन" किया तो "विदेहनगर" में ही क्यों किया?
Roop Kumar
🌹गोस्वामीजी🙏ने अगर "श्रृँगाररस का वर्णन" किया तो "विदेहनगर" में ही क्यों किया?
10:41
भावना हृदयकी वस्तु और मर्यादा शरीरकी वस्तु है और उनदोनों के बीचमें तालमेल बैठानेका माध्यम बुद्धि है।
Roop Kumar
भावना हृदयकी वस्तु और मर्यादा शरीरकी वस्तु है और उनदोनों के बीचमें तालमेल बैठानेका माध्यम बुद्धि है।
11:52
🌹भगवानश्रीराम🙏की मर्यादा,साधना का पक्ष और🌷तुलसीदासजी🙏का क्रमभंग।
Roop Kumar
🌹भगवानश्रीराम🙏की मर्यादा,साधना का पक्ष और🌷तुलसीदासजी🙏का क्रमभंग।
10:12
क्या🌹गुरू🙏की आवश्यकता है?गुरू की भूमिका क्या है?गुरु के चरणों का आश्रय लेने से क्या होता है?
Roop Kumar
क्या🌹गुरू🙏की आवश्यकता है?गुरू की भूमिका क्या है?गुरु के चरणों का आश्रय लेने से क्या होता है?
14:57
"मर्यादा और भावना का सामञजस्य",पूरे🌹श्रीरामचरितमानसमें🌷इसी समन्वयका दर्शन आपको मिलेगा।
Roop Kumar
"मर्यादा और भावना का सामञजस्य",पूरे🌹श्रीरामचरितमानसमें🌷इसी समन्वयका दर्शन आपको मिलेगा।
9:09
उत्कंठा जाग्रत होना ही कथा का सबसे बड़ा उद्देश्य और फल है।
Roop Kumar
उत्कंठा जाग्रत होना ही कथा का सबसे बड़ा उद्देश्य और फल है।
11:47
🌹भगवान के चरणों में प्रेम🙏 कैसे हो?क्या इसके लिए स्थान का महत्व है?अथवा कुछ और मार्ग है?
Roop Kumar
🌹भगवान के चरणों में प्रेम🙏 कैसे हो?क्या इसके लिए स्थान का महत्व है?अथवा कुछ और मार्ग है?
18:47
🌹तत्वप्रेम कर मम अरू तोरा,जानत प्रिया एकु मनु मोरा।
Roop Kumar
🌹तत्वप्रेम कर मम अरू तोरा,जानत प्रिया एकु मनु मोरा।
18:40
🌹जगज्जननीश्रीसीताजी🙏 संसारके साधकोंको उँगली पकड़कर,🌹"भगवान को पाने के लिए" चलना सिखाती हैं।
Roop Kumar
🌹जगज्जननीश्रीसीताजी🙏 संसारके साधकोंको उँगली पकड़कर,🌹"भगवान को पाने के लिए" चलना सिखाती हैं।
10:51
🌹लक्ष्मणजी🙏की 🌹श्रीसीतारामजी के चरणों में प्रीति🙏और भक्तिसाधना का स्वरूप।
Roop Kumar
🌹लक्ष्मणजी🙏की 🌹श्रीसीतारामजी के चरणों में प्रीति🙏और भक्तिसाधना का स्वरूप।
11:54
🌹पुष्पवाटिका🌷 प्रसंगमें वेदान्तका तत्व,भक्ति की पराकाष्ठा,शरणागति आदि का विलक्षण रूप मिलता है।
Roop Kumar
🌹पुष्पवाटिका🌷 प्रसंगमें वेदान्तका तत्व,भक्ति की पराकाष्ठा,शरणागति आदि का विलक्षण रूप मिलता है।
10:31
भक्तिके भी दो रूप हैं🌹"कृपारूपा भक्ति"🙏और🌷"साधनामयी भक्ति"🙏।
Roop Kumar
भक्तिके भी दो रूप हैं🌹"कृपारूपा भक्ति"🙏और🌷"साधनामयी भक्ति"🙏।
9:34
परिवर्तन🌹ईश्वर के द्वारा नहीं होता,हमारी🌹ईश्वर के प्रति की गयी भक्ति🙏 के द्वारा होता है।
Roop Kumar
परिवर्तन🌹ईश्वर के द्वारा नहीं होता,हमारी🌹ईश्वर के प्रति की गयी भक्ति🙏 के द्वारा होता है।
13:21
बुद्धि के शोधन की प्रक्रिया क्या है?
Roop Kumar
बुद्धि के शोधन की प्रक्रिया क्या है?
13:58
सो अनन्य जाकें असि, मति ना टरइ हनुमंत।मैं सेवक सचराचर,रूप स्वामि भगवंत।।
Roop Kumar
सो अनन्य जाकें असि, मति ना टरइ हनुमंत।मैं सेवक सचराचर,रूप स्वामि भगवंत।।
21:21
🌹श्रीसीताजी🙏को पाने का मार्ग क्या है?  उस मार्ग पर की जाने वाली यात्रा किस प्रकार है?
Roop Kumar
🌹श्रीसीताजी🙏को पाने का मार्ग क्या है? उस मार्ग पर की जाने वाली यात्रा किस प्रकार है?
17:03
बुद्धि की उड़ान,सूक्ष्मता,पैनी दृष्टि  का सदुपयोग और सार्थकता क्या है?
Roop Kumar
बुद्धि की उड़ान,सूक्ष्मता,पैनी दृष्टि का सदुपयोग और सार्थकता क्या है?
21:02
प्रनवहुँ परिजन सहित बिदेहू,जाहि रामपद गूढ़ सनेहू।जोग भोग मह राखेउ गोई,राम बिलोकत प्रगटेउ सोई।।
Roop Kumar
प्रनवहुँ परिजन सहित बिदेहू,जाहि रामपद गूढ़ सनेहू।जोग भोग मह राखेउ गोई,राम बिलोकत प्रगटेउ सोई।।
4:41
व्यक्ति के जीवन में पूर्णता कब आती है?
Roop Kumar
व्यक्ति के जीवन में पूर्णता कब आती है?
14:29
🌹🙏माता श्रीसीताजी🌻 का "करूणा का पक्ष और स्वरूप"🙏
Roop Kumar
🌹🙏माता श्रीसीताजी🌻 का "करूणा का पक्ष और स्वरूप"🙏
3:33
महाभारत की कथा क्रिया और प्रतिक्रिया का युग है।
Roop Kumar
महाभारत की कथा क्रिया और प्रतिक्रिया का युग है।
6:53
🌺द्रौपदी यदि नर की पत्नी हैं तो🌹श्रीसीताजी🙏🌹नारायण🙏की प्रिया🌷 हैं।
Roop Kumar
🌺द्रौपदी यदि नर की पत्नी हैं तो🌹श्रीसीताजी🙏🌹नारायण🙏की प्रिया🌷 हैं।
4:21
शरीर का नाता और भाव का नाता क्या है?"सकामता का नाता"और  "निष्कामता का नाता"क्या है?
Roop Kumar
शरीर का नाता और भाव का नाता क्या है?"सकामता का नाता"और "निष्कामता का नाता"क्या है?
4:28
रामायणमें ज्ञान,वैराग्य,अकाल,वर्षा-क्या तात्पर्य है?व्यक्तिके जीवनकीभूख मिटानेकी सामर्थ्य किसमें है?
Roop Kumar
रामायणमें ज्ञान,वैराग्य,अकाल,वर्षा-क्या तात्पर्य है?व्यक्तिके जीवनकीभूख मिटानेकी सामर्थ्य किसमें है?
12:44
सकामता श्रेष्ठ है कि निष्कामता श्रेष्ठ है?
Roop Kumar
सकामता श्रेष्ठ है कि निष्कामता श्रेष्ठ है?
8:11
निष्कामता प्रत्येक व्यक्तिके जीवनमें सम्भव है क्या?निष्कामताका नाटककरने वालेतो समाजमें बहुतहोते हैं।
Roop Kumar
निष्कामता प्रत्येक व्यक्तिके जीवनमें सम्भव है क्या?निष्कामताका नाटककरने वालेतो समाजमें बहुतहोते हैं।
16:55
भक्तलोग 🌹भगवान🙏का वही नाम रखते हैं जिसकी उन्हें आवश्यकता है।
Roop Kumar
भक्तलोग 🌹भगवान🙏का वही नाम रखते हैं जिसकी उन्हें आवश्यकता है।
13:38
वेदान्तमें कहा गया है कि ब्रह्म दृष्टा,कूटस्थ,स्थिर,सर्वत्र है,लेकिन-विरागी है,उसे पिघलाया कैसे जाए?
Roop Kumar
वेदान्तमें कहा गया है कि ब्रह्म दृष्टा,कूटस्थ,स्थिर,सर्वत्र है,लेकिन-विरागी है,उसे पिघलाया कैसे जाए?
14:01
🌹आदिशक्तिश्रीसीताजी🙏स्वंय तो करूणामयी हैं ही पर🌹प्रभुश्रीराम🙏में भी करुणा की सृष्टि करती हैं।
Roop Kumar
🌹आदिशक्तिश्रीसीताजी🙏स्वंय तो करूणामयी हैं ही पर🌹प्रभुश्रीराम🙏में भी करुणा की सृष्टि करती हैं।
9:52
मानवीय पद्धतिसे🌹🙏"आदिशक्तिश्रीसीताजी🌹का जन्म नहीं हुआ,पृथ्वी से हुआ। स्थूलपदार्थ में भी शक्ति है।
Roop Kumar
मानवीय पद्धतिसे🌹🙏"आदिशक्तिश्रीसीताजी🌹का जन्म नहीं हुआ,पृथ्वी से हुआ। स्थूलपदार्थ में भी शक्ति है।
11:48
अगर 🌹महाराज मनु🙏को "मानवजातिका रचयिता" माना जाता है तो फिर "महाराज मनु का रचयिता" कौन है?
Roop Kumar
अगर 🌹महाराज मनु🙏को "मानवजातिका रचयिता" माना जाता है तो फिर "महाराज मनु का रचयिता" कौन है?
15:48
विश्व की रचयिता कौन?🌹🙏आदिशक्ति जेहिं जग उपजाया🙏महाशक्तिमाता श्री सीताजी।🌹
Roop Kumar
विश्व की रचयिता कौन?🌹🙏आदिशक्ति जेहिं जग उपजाया🙏महाशक्तिमाता श्री सीताजी।🌹
18:58
जब🌹श्रीसीताजी प्रसन्न होती हैं तो व्यक्ति को "निर्मल मति" देती हैं🙏🌹
Roop Kumar
जब🌹श्रीसीताजी प्रसन्न होती हैं तो व्यक्ति को "निर्मल मति" देती हैं🙏🌹
18:03
🌹🙏श्रीसीताजी के परिचय की पृष्ठभूमि।
Roop Kumar
🌹🙏श्रीसीताजी के परिचय की पृष्ठभूमि।
19:33
अहँकार पर निरहँकारिता से विजय होती है।अहँकारी निरहँकारिता का अर्थ ही नहीं जानता।
Roop Kumar
अहँकार पर निरहँकारिता से विजय होती है।अहँकारी निरहँकारिता का अर्थ ही नहीं जानता।
48:51
हमारेमन,बुद्धि और अहँकारसे जोकुछ होताहै,उसकेपीछे "हमारेसंस्कार" होतेहैं जोहमारे "चित्त"में होते हैं।
Roop Kumar
हमारेमन,बुद्धि और अहँकारसे जोकुछ होताहै,उसकेपीछे "हमारेसंस्कार" होतेहैं जोहमारे "चित्त"में होते हैं।
15:41
बुद्धि चैतन्य कैसे होगी?बुद्धि तो बार बार धोखा खाती है।इसकी दवा क्या है।
Roop Kumar
बुद्धि चैतन्य कैसे होगी?बुद्धि तो बार बार धोखा खाती है।इसकी दवा क्या है।
14:13
🌹तुरीय और ब्रम्ह🌹🙏🌷के मिलन से जीवन में परम शान्ति और कृत्कृत्यता का अनुभव होता है।
Roop Kumar
🌹तुरीय और ब्रम्ह🌹🙏🌷के मिलन से जीवन में परम शान्ति और कृत्कृत्यता का अनुभव होता है।
22:50
भोगी व्यक्ति कितना भी पा ले पर उसको सन्तोष नहीं होता।
Roop Kumar
भोगी व्यक्ति कितना भी पा ले पर उसको सन्तोष नहीं होता।
5:02
🌹भगवानशंकर🙏 कहते हैं कि "थोड़ा मत माँगना" इसका क्या तात्पर्य है?
Roop Kumar
🌹भगवानशंकर🙏 कहते हैं कि "थोड़ा मत माँगना" इसका क्या तात्पर्य है?
7:52
महाराज जनक का मण्डप "जीवका हृदय" है जिसके "चार खम्भे" हैं-मन,बुद्धि,चित्त और अहँकार।
Roop Kumar
महाराज जनक का मण्डप "जीवका हृदय" है जिसके "चार खम्भे" हैं-मन,बुद्धि,चित्त और अहँकार।
28:21
जनु पाए महिपाल मणि,क्रियन्ह सहित फल चारि🌹🙏
Roop Kumar
जनु पाए महिपाल मणि,क्रियन्ह सहित फल चारि🌹🙏
10:52
दुराशा,दु:ख,दोष तब मिटेंगे जब हम🌹भगवानका आश्रय🙏 लेंगे।🌷भगवानको पहचान🙏लेंगे।
Roop Kumar
दुराशा,दु:ख,दोष तब मिटेंगे जब हम🌹भगवानका आश्रय🙏 लेंगे।🌷भगवानको पहचान🙏लेंगे।
5:04
हम भक्त हैं कि नहीं? कसौटी क्या है?🌹मोर दास कहाई नर आसा,करइ तो करहु कहाँ बिस्वासा।
Roop Kumar
हम भक्त हैं कि नहीं? कसौटी क्या है?🌹मोर दास कहाई नर आसा,करइ तो करहु कहाँ बिस्वासा।
15:53
अगर आप🌹रामायण🙏का पूराआनन्द लेना चाहें तो भाषा,अर्थ,भाव का आनन्द लें तथा तात्पर्य को हृदयंगम करें।
Roop Kumar
अगर आप🌹रामायण🙏का पूराआनन्द लेना चाहें तो भाषा,अर्थ,भाव का आनन्द लें तथा तात्पर्य को हृदयंगम करें।
13:34
कौतुक,बिनोद,प्रमोदु प्रेमु ना जाइ कहि जानहिं अली। 🌹🌸🙏(कोहबर प्रसंग)
Roop Kumar
कौतुक,बिनोद,प्रमोदु प्रेमु ना जाइ कहि जानहिं अली। 🌹🌸🙏(कोहबर प्रसंग)
19:26
पुरुष सिंह दोउ बीर हरषि चले मुनि भय हरन। कृपासिंधु मतिधीर अखिल बिस्व कारन करन॥🌹🙏
Roop Kumar
पुरुष सिंह दोउ बीर हरषि चले मुनि भय हरन। कृपासिंधु मतिधीर अखिल बिस्व कारन करन॥🌹🙏
34:56
पुत्र और पुत्री ये दोनों सकामता और निष्कामता से किस प्रकार जुड़े हैं?
Roop Kumar
पुत्र और पुत्री ये दोनों सकामता और निष्कामता से किस प्रकार जुड़े हैं?
17:10
🌹श्रीसीतारामाविवाह💐निष्काम और सकाम दोनों तरह के व्यक्तियों को "परमानन्द" देनेवाला है।
Roop Kumar
🌹श्रीसीतारामाविवाह💐निष्काम और सकाम दोनों तरह के व्यक्तियों को "परमानन्द" देनेवाला है।
18:16
हम बुराइयों से क्यों नहीं बच पा रहे हैं?हम किस भावना से प्रेरित होकर व्यवहार करते हैं?
Roop Kumar
हम बुराइयों से क्यों नहीं बच पा रहे हैं?हम किस भावना से प्रेरित होकर व्यवहार करते हैं?
13:55
अपनी ही बनायी मायाके मोहबन्धनमें व्यक्ति फँसाहुआ है।"मैं और मेरा" समाजमें  समस्याएं उत्पन्न करता है।
Roop Kumar
अपनी ही बनायी मायाके मोहबन्धनमें व्यक्ति फँसाहुआ है।"मैं और मेरा" समाजमें समस्याएं उत्पन्न करता है।
40:22
भक्ति का उदय अपनेआप में अभाव देखकर होता है और वो जीवन में बदलाव लाता है।
Roop Kumar
भक्ति का उदय अपनेआप में अभाव देखकर होता है और वो जीवन में बदलाव लाता है।
11:04
गोस्वामीजीने🌹श्रीराम🌹से कहा कि विश्वामित्रजीकी "यज्ञरक्षा" की तरह आप मेरे यज्ञकी भी रक्षा कीजिए।🙏
Roop Kumar
गोस्वामीजीने🌹श्रीराम🌹से कहा कि विश्वामित्रजीकी "यज्ञरक्षा" की तरह आप मेरे यज्ञकी भी रक्षा कीजिए।🙏
23:10
यज्ञ की भावना क्या है?लेने-देने में संकोच या अभिमान?"यज्ञचक्र" क्या है?
Roop Kumar
यज्ञ की भावना क्या है?लेने-देने में संकोच या अभिमान?"यज्ञचक्र" क्या है?
14:47
अपनी कामनाओं को हम सही दिशा दें और वे कामनाएं हमारे लिए और समाज के लिए कल्याणकारी हों।
Roop Kumar
अपनी कामनाओं को हम सही दिशा दें और वे कामनाएं हमारे लिए और समाज के लिए कल्याणकारी हों।
13:06
सरजूनाम सुमंगलमूला,लोकवेदमत मंजुलकूला।।रामकथा के दो किनारे हैं-लोकमत और वेदमत।
Roop Kumar
सरजूनाम सुमंगलमूला,लोकवेदमत मंजुलकूला।।रामकथा के दो किनारे हैं-लोकमत और वेदमत।
19:57
हमें यदि🌹भगवान🙏को पाना है तो हमें अपनी "सकामता को यज्ञ से जोड़ना" है।
Roop Kumar
हमें यदि🌹भगवान🙏को पाना है तो हमें अपनी "सकामता को यज्ञ से जोड़ना" है।
18:58
निष्कामता,दम्भ,और कपट-- हमें जीवन में मिथ्याचार से सर्वदा बचना चाहिए।
Roop Kumar
निष्कामता,दम्भ,और कपट-- हमें जीवन में मिथ्याचार से सर्वदा बचना चाहिए।
11:35
"तुरिया अवस्था" का आनन्द कैसे मिलेगा?इसका क्या उपयोग करना चाहिए-यह🌷रामविवाह🌷का तात्पर्य है।
Roop Kumar
"तुरिया अवस्था" का आनन्द कैसे मिलेगा?इसका क्या उपयोग करना चाहिए-यह🌷रामविवाह🌷का तात्पर्य है।
7:46
🌹श्रीसीतारामविवाहमें🌷 योग,दर्शन,वेदान्त,लोकमंगल,  भक्तिभावना,धर्म आदि,सबका सांमजस्य है।
Roop Kumar
🌹श्रीसीतारामविवाहमें🌷 योग,दर्शन,वेदान्त,लोकमंगल, भक्तिभावना,धर्म आदि,सबका सांमजस्य है।
12:27
मनुष्यजीवनको संस्कारोंके साथ जोड़ दिया गया है।उन संस्कारोंमें  विवाहका संस्कार अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
Roop Kumar
मनुष्यजीवनको संस्कारोंके साथ जोड़ दिया गया है।उन संस्कारोंमें विवाहका संस्कार अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
12:46
साधना का अभिप्राय-"कथा" कान से,जिह्वासे🌹रामका "नाम",नेत्र से🌹श्रीरामके🙏"रूप का ध्यान"।
Roop Kumar
साधना का अभिप्राय-"कथा" कान से,जिह्वासे🌹रामका "नाम",नेत्र से🌹श्रीरामके🙏"रूप का ध्यान"।
20:17
मंगल और अमंगल संसारकी वस्तुओंमें देखना व्यर्थ है,हृदयमें प्रभुको धारण करें,और जिह्वासे नामका जपकरें।
Roop Kumar
मंगल और अमंगल संसारकी वस्तुओंमें देखना व्यर्थ है,हृदयमें प्रभुको धारण करें,और जिह्वासे नामका जपकरें।
34:54
🌹श्रीरामकथा🙏 का "मुख्य उद्देश्य और उपयोग"।
Roop Kumar
🌹श्रीरामकथा🙏 का "मुख्य उद्देश्य और उपयोग"।
30:06
अहंकार को तोड़ने की और मोह को उखाड़ने की आवश्यकता है।(1985-इलाहाबाद)
Roop Kumar
अहंकार को तोड़ने की और मोह को उखाड़ने की आवश्यकता है।(1985-इलाहाबाद)
47:03
वैराग्य का मुक्का लगने पर भी अगर मोह जीवित रह जाए तो वैराग्य किसी काम का नहीं।(1985-इलाहाबाद)
Roop Kumar
वैराग्य का मुक्का लगने पर भी अगर मोह जीवित रह जाए तो वैराग्य किसी काम का नहीं।(1985-इलाहाबाद)
23:26