धन्य है यह जननी, धन्य है यह भारत वर्ष जिस में पितामाह जैसे वीरों ने जन्म लिया 🙏🏻❤️
कुरुवंश की ढाल था मैं, राजा शांतनु का पुत्र, माता गंगा का लाल था मैं, देखें जो आंख उठाकर, हस्तिनापुर की ओर, ऐसे शत्रुओं का काल था मैं, पिता की खातिर आजीवन ब्रह्मचर्य निभाया था मैने, तब पिता से इच्छा मृत्यु वरदान पाया था , ली थी प्रतिज्ञा जब मैने, देवताओं ने "भीषण भीषण" चिल्लाया था, तब मैं देवव्रत से भीष्म कहलाया था, धृतराष्ट्र का विवाह जब गांधारराज ने ठुकराया था, एक बार फिर मैंने अपना पराक्रम दिखलाया था। हुआ जन्म जब दुर्योधन का, हुए ऐसे ऐसे कृत्य(अपशकुन) थे, मानों यमराज हस्तिनापुर में, कर रहे नृत्य थे, कुरूवंश का करेगा विनाश बालक यह, ऐसा ज्योतिषियों ने बतलाया था, परंतु धृतराष्ट्र अपना पुत्रमोह छोड़ ना पाया था, कुरुओं की उस राजसभा में, हुआ एक अधर्म था, जिस रोक ना पाने का, मुझे आजीवन मर्म था, जिसका कारण मेरा व्यक्तिगत धर्म था, धर्मराज ने जब द्युत में स्वयं को दांव पर लगाया था, हारकर उसने दास धर्म को अपनाया था, स्वामी(दुर्योधन) के आदेश पालन हेतु, कुलवधु को उसने दांव पर लगाया था, दुशासन जब केश पकड़कर, पांचाली को सभा में लाया था, तब सूतपुत्र ने नीच चरित्र अपना दिखलाया था, उसके वचनों ने वस्त्रहरण दुर्योधन को सुझाया था, द्रौपदी चीत्कारती रही, मेरी अंतरात्मा मुझे, मन ही मन धिक्कारती रही, तब हुआ सभा में ऐसा चमत्कार था, पांचाली की रक्षा हेतु, आया सृष्टि का पालनहार था, करूंगा मैं(भीम) धृतराष्ट्र के सभी पुत्र का वध, ऐसा भीम का प्रण था, हस्तिनापुर के दहलीज पर खड़ा एक महा रण था, महाभारत के उस युद्ध में, मैंने त्राहिमाम त्राहिमाम मचाया था, पांडव सेना के हर योद्धा को मैने हराया था, अर्जुन भी जब रोक न सका मुझको, तब मुरलीवाले ने मेरे वध के लिए, स्वयं सुदर्शन चक्र उठाया था, कुरुक्षेत्र की उस रणभूमि में, श्रीकृष्ण ने वास्तविक धर्म का ज्ञान मुझे कराया था, उन्ही का अनुसरण कर मैंने, अपनी ही मृत्यु का मार्ग मैने पांडवों को बतलाया था देख शिखंडी को मैने स्वयं को निहत्था कर डाला था, लेकर उसका सहारा अर्जुन ने मुझे बींध डाला था। |जय श्री कृष्णा| Written by-sanket bhardwaj
कसम खाके कह रहा हूं...मुझे पूरे महाभारत में सबसे ज्यादा किसी की मृत्यु का दुख हुआ वो भीष्म पितामह है.......जिन्होंने मजबूरी होने पर भी कुछ गलत काम नहीं किया बेचारे चुपचाप अर्जुन के बान सहते रहे ..तब की वो अर्जुन को आसान से हरा सकते थे......फिर भी वो चुपचाप सब कुछ सहते रहे.......सच में भीष्म जैसा योद्धा पुरे महाभारत म कोई नहीं था.........जय भीष्म पितामह की.......greatest warrior of all time!!!!!!❤❤
Seeing this scene after 35/36 years but still completely remember it. As a 4/5 year kid saw this scene on a Sunday morning with my completely family, and troubling my grand father ❤ with all silly questions. Never imagined, the next time I will see this scene will b on a smart phone on YouTube 😢 . Oh those innocent childhood memories, God pls pls bring it back 😢
आंखों में आसूं भर आए 😢😢😢😢 जय श्री कृष्णा,, नमन भीष्म पितामह जी
आज ये महाभारत देख कर पहली बार रोना आ गया आंसू आ गए 😭😭😭😭
इतनी बाणों की वर्षा के बाद भी आशिर्वाद देना जय हो भीष्म पितामह दुनिया आपकी ऋणी रहेंगी
मुझे गर्व होता है कि मेरा जन्म इस वीरों की भूमि भारतवर्ष में हुआ। 🙏🏻
अर्जुन को देखकर ऐसा लगता है जैसे असली महाभारत के अर्जुन ऐसे ही रहे होंगे किसी भी महाभारत में ऐसाअर्जुननहीं देखा मैंने
कोई शरीर पर इतने घाव खा कर भी किसी को आयुष्मान का आशीर्वाद कैसे दे सकता है ।। धन्य है पितामह भीष्म 🙏🙏
स्वयं परमात्मा ने जिनको नमन किया है, समझो वो आत्मा कितनी पुण्य होगी। धन्य हे गंगापुत्र भीष्म जो जीवन जीते और मरते पालनहार को देखते रहे।
हे भारत वर्ष तेरा कैसा सौभाग्य था कैसा दुर्भाग्य कैसे कैसे वीर तेरी छाती में जन्म लिए कैसे कैसे वीर तेरी इशी छाती में प्राण त्याग दिए😭😭
Arjun is really very sweet, emotional person despite being a powerful warrior. He is literally, crying like a small, innocent baby! ❤️❤️❤️ His love & respect for his pitamaha, is beyond words. With no graphics & technology, the show became so successful. ✨✨ This scene still gives tears even today.
पितामह भीष्म को कोटी कोटी नमन् 🕉️
ऐसा सीरियल पुन्हा नाही बणेगा धन्य है br Chopra and his team and artist जन्होने इसे महान बनणे मे कोई कसर नाही छोडी
Pitamah bhism sada amar rahenge... Mere aankho se aansu aa gaya pahli bar kuch dekhke💔😘😘
ऐसे सीरियल दोबारा नहीं बन सकते इसके पात्र आज भी जीवित है और जीवित रहेंगे Thnx to राजीव गांधी एंड BR चोपड़ा
धन्य है भारत वर्ष में कैसे-कैसे वीर जन्म लिए हैं 😭😭😭😭😭
Feeling nostalgic.. Gone are the days where hardly 1/2 black and white TV were there in our village when we used to watch television by crossing River... Best ever Mahabharat serial... B R Chopra became legend by this serial... Salute to all actor and actress..
@PenBhakti