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Arvind Singh Mewar Death: 'नहीं रहे राजा' शोक की लहर, कौन संभालेगा गद्दी ? Udaipur Royal Family

Arvind Singh Mewar Death: 'नहीं रहे राजा' शोक की लहर, कौन संभालेगा गद्दी ? Udaipur Royal Family
महाराणा प्रताप के वंशज अरविंद सिंह मेवाड़ का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है. अरविंद सिंह मेवाड़ पिछले कई दिनों से बीमार थे और उनका इलाज सिटी पैलेस में ही चल रहा था. उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ सिटी पैलेस के शंभू निवास में रहते थे. अब यहीं उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा और अरविंद सिंह मेवाड़ का अंतिम संस्कार 17 मार्च यानि सोमवार को होगा. सुबह 11 बजे अंतिम यात्रा निकलेगी जो शंभू पैलेस से शुरू होकर बड़ी पोल, जगदीश चौक, घंटाघर, बड़ा बाजार, देहली गेट से होकर महासतिया पहुंचेगी जहां अरविंद सिंह मेवाड़ का अंतिम संस्कार होगा.
अरविंद सिंह मेवाड़ महाराणा भगवत सिंह मेवाड़ और सुशीला कुमारी मेवाड़ के छोटे बेटे थे. इनका जन्म 13 दिसंबर 1944 को हुआ था. अरविंद सिंह मेवाड़ का विवाह विजयराज कुमारी से हुआ था. बड़े भाई महेन्द्र सिंह मेवाड़ का निधन 10 नवंबर 2024 को हुआ था. इनके निधन के बाद इनके बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ के राज्याभिषेक को लेकर विवाद भी हुआ और ये विवाद कोई नया नहीं है. 40 साल से बड़े भाई महेंद्र सिंह और छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच संपत्ति और महाराणा बनने का विवाद चल रहा है. इनके पिता भगवत सिंह मेवाड़ के अंतिम महाराणा माने गए। जो ऑफिशियली मेवाड़ के अंतिम महाराणा माने गए.
बात करें उनके शुरुआती दिनों की तो अरविंद सिंह मेवाड़ ने अजमेर के जाने-माने मेयो कॉलेज से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद वो उदयपुर में महाराणा भूपाल कॉलेज से ग्रेजुएशन करते हैं और ग्रेजुएशन के बाद होटल मैनेजमेंट करने लंडन चले जाते हैं.. इसके बाद जब वो उदयपुर अपने वतन लौटे तो सिर्फ वो नहीं आए मानो उदयपुर के लिए बहार लाए हों.. ये अरविंद सिंह मेवाड़ के कामों का ही नतीजा था कि आज हज़ारों-लाखों लोग उदयपुर को देखने आते हैं.. और टूरिज्म के लिए अरविंद सिंह मेवाड़ का योगदान लंबे समय तक याद किया जाएगा।
अब निधन के बाद जो सवाल पब्लिक के मन में घूम रहा है वो ये कि अब गद्दी किसकी होगी.. तो आपको बताएं कि मेवाड़ के आखिरी महाराणा भगवत सिंह ने वसीयत में ट्रस्ट की जिम्मेदारी अपने छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ को दे दी थी. बड़े बेटे महेंद्र सिंह को उन्होंने ट्रस्ट से ही दूर रखा था. भगवत सिंह के निधन के बाद अरविंद सिंह मेवाड़ ट्रस्ट के चेयरमैन और राजघराने की संपत्तियों के सर्वेसर्वा हो गए. इसके बाद अरविंद सिंह के बेटे लक्ष्यराज सिंह के हाथ में ट्रस्ट का सारा कंट्रोल चला गया. आखिरी महाराणा भगवत सिंह के निधन के बाद उनके बड़े बेटे महेंद्र सिंह ने राजतिलक कर खुद को महाराणा घोषित कर दिया. वहीं अरविंद सिंह ने पिता की वो वसीयत दिखाकर खुद के राणा होने का दावा कर दिया. और यहीं से संपत्ति विवाद शुरू हुआ. जिसकी एक झलक आपने नबंवर 2024 में देखी जब महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बेटे विश्वेंद्र सिंह का राजतिलक किया गया था।

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