Loading...
「ツール」は右上に移動しました。
利用したサーバー: wtserver3
788いいね 267016回再生

सोमवती अमावस्या व्रत व पूजा विधि | Somvati Amavasya Vrat Katha | Hindu Rituals

नमस्कार,
अगर आपके पास किसी मंदिर या धाम की VIDEOS है, या आप हिन्दू धर्म के बारे में कोई भी जानकारी पूरी दुनिया के साथ साझा करना चाहते हैं, और अगर आप चाहते हैं की आपकी VIDEO इस चैनल पर दिखाई जाये तो आप बेझिझक इस email id (dayanand.singh13@gmail.com) के जरिये हमें संपर्क कर सकते है |
आप सभी से अनुरोध है की इस चैनल को Subscribe ( goo.gl/sGpbXL लिंक को क्लिक करें )करके हिन्दू धर्म के प्रचार-प्रसार में योगदान दें |
धन्यवाद |
सोमवती अमावस्या
Somvati Amavasya Vrat (सोमवती अमावस्या व्रत ).jpg
सोमवती अमावस्या व्रत
आधिकारिक नाम सोमवती अमावस्या व्रत
अनुयायी हिन्दू, भारतीय, भारतीय प्रवासी
प्रकार Hindu
उद्देश्य सर्वकामना पूर्ति
तिथि सोमवार और अमावस्या का संयोग
सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। ये वर्ष में लगभग एक अथवा दो ही बार पड़ती है। इस अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व होता है। विवाहित स्त्रियों द्वारा इस दिन अपने पतियों के दीर्घायु कामना के लिए व्रत का विधान है। इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्र गोदान का फल मिलता है। शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गयी है। अश्वत्थ यानि पीपल वृक्ष इस दिन विवाहित स्त्रियों द्वारा पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा और वृक्ष के चारों ओर १०८ बार धागा लपेट कर परिक्रमा करने का विधान होता है और कुछ अन्य परम्पराओं में भँवरी देने का भी विधान होता है। धान, पान और खड़ी हल्दी को मिला कर उसे विधान पूर्वक तुलसी के पेड़ को चढाया जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी विशेष महत्व समझा जाता है। कहा जाता है कि महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने वाला मनुष्य समृद्ध, स्वस्थ्य और सभी दुखों से मुक्त होगा। ऐसा भी माना जाता है कि स्नान करने से पितरों कि आत्माओं को शांति मिलती है।

पीपल के पेड़ में सभी देवों का वास होता है अतः, सोमवती अमावस्या के दिन से शुरू करके जो व्यक्ति हर अमावस्या के दिन भँवरी (परिक्रमा करना ) देता है, उसके सुख और सौभग्य में वृद्धि होती है।

コメント